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पढ़ो सोचो समझो और बताओ की रावण कोन है ??


शीर्षक: पढ़ो सोचो समझो और बताओ रावण कोन है ?


आती है हर साल नवरात्र 
हर साल मुझे जलाते हो 
में मरा था मर्यादा पुरुषोत्तम
श्री राम के हाथो 
इस कलयुग में मुझे तुम 
एक रावण से दूजे रावण को 
जलवाते हो 
शर्म करो ए कलयुग के लोगो 
तुम छोटी छोटी बच्चियों को नचवाते हो 
छोटी छोटी बच्चियों का रैप करो तुम 
और हर साल रावण को जलाते हो 
में था त्रेता का एक रावण 
कलयुग में नजाने कितने रावण रहते हो
में था राजा , में था ब्राह्मण 
में था भक्त भोलेनाथ का 
ज्ञानी में अज्ञान में 
अकाल में मृत्यु में 
जीवन में मरण में 
तुम मुझको रावण कहते हो 
झांक के देखो एक बार खुद के अंदर 
तुम खुद रावण हो और मुझे जलाते हो 


हां माना मेने गलत किया 
मेने मन में अहंकार किया 
हां मेने मां सीता का हरण किया 
हां मेने गंदी सोच को जन्म दिया 
मगर मां सीता को न छुआ कभी 
मां सीता को न देखा कभी
मेने मां सीता को न कोई कष्ट दिया 
मां सीता को लंका लाकर 
मेने सबसे उत्तम वाटिका में बैठा दिया 
वाल्मीकि जी ने रामायण  में जो लिख दिया
एक खेल था जो पूर्ण किया 
स्वयं भगवान विष्णु जी ने 
भगवान राम के रूप में जन्म लिया 
स्वर्ग पाना था श्री राम के हाथो 
इसलिए मैने एक खेल को पूर्ण किया 
बुराई पर अच्छाई को जीता दिया
तीनों लोक में बाहुबल सबसे 
देवता सारे कांपते मेरे नाम से 
तीनों लोक पर विजय करी 
ज्ञान बुद्धि और बल के बल से 
न मृत्यु न अंत था मेरा 
न कोई प्राणों का तोड़ था मेरा 
मेरे सगे भाई विभीषण ने मेरे प्राणों का तोड़ दिया 
घर का भेदी लंका ढाए कलंक पूरी लंका पर लगा दिया 
जैसे मृत्य निकट आईं
मेने स्वयं बाहों को फैला लिया 
प्रभु उद्धार करो मेरा ये कहकर 
हाथो को जोड़ लिया
बुराई पर अच्छाई को जिताने खातिर 
मेने खुद अपने प्राणों को त्याग दिया 

राजनीतिज्ञ में , सेनापति में 
बास्तुकला का मर्मज्ञ  , 
और साथ ही ब्रह्मज्ञानी में 
मुझे श्री राम के हाथो मोक्ष पाना था 
इसलिए मैने एक ढोंग रचा 
जैसे मृत्य निकट आईं
मेने स्वयं बाहों को फैला लिया 
प्रभु उद्धार करो मेरा ये कहकर 
हाथो को जोड़ लिया
बुराई पर अच्छाई को जिताने खातिर 
मेने खुद अपने प्राणों को त्याग दिया 


में मरा था मर्यादा पुरुषोत्तम
श्री राम के हाथो से 
इस कलयुग में मुझे तुम 
एक रावण से दूजे रावण को 
जलवाते हो 
में था दत्रेता का एक रावण 
कलयुग में नजाने कितने रावण रहते हो
ज्ञानी में अज्ञान में 
अकाल में मृत्यु में 
जीवन में मरण में 
तुम मुझको रावण कहते हो 
झांक के देखो एक बार खुद के अंदर 
तुम खुद रावण हो और मुझे जलाते हो 


#mr_writer_lucky 
Instagram: mr_writer_lucky 
Youtube: mr_writer_luck

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2 Comments

kashish

12-Nov-2023 11:23 AM

Nice

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Mohammed urooj khan

06-Nov-2023 12:28 PM

👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾

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